Monday, April 28, 2014

जब उठा फिरोज खान का जनाजा, तो रो पड़ा था बॉलीवुड, देखें PICS


मुंबईः भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्हें फिल्मों से जुड़े कई कामों में महारत हासिल हो। ऐसे लोग सौ में दो-चार ही होते हैं और ऐसे ही दो-चार में एक नाम था फिरोज खान का। जी हां, फिरोज खान जिन्होंने भारतीय सिनेमा में एक्टर, फिल्म एडिटर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के तौर पर पहचान बनाई। फिरोज के अंदर इन तमाम खूबियों के साथ उनको दूसरों से जुदा बनाने वाली आवाज भी थी।
 
फिरोज का जन्म 25 सिंतबर, 1939 को बेंगलुरु के पठान परिवार में हुआ था। उनका देहांत कैंसर की बीमारी के चलते 27 अप्रैल, 2009 को हो गया। उस वक्त वो 70 साल के थे। बतौर एक्टर फिरोज ने 1960 में 'दीदी' से शुरुआत की थी। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दी। जिसमें 'धर्मात्मा' (1975), 'कुर्बानी' (1980), 'जांबाज' (1986), 'दयावान' (1988), 'यलगार' (1992) शामिल हैं। इन सभी फिल्मों में एक्टिंग के साथ फिरोज ने डायरेक्शन भी किया था। बतौर एक्टर उनकी आखिरी फिल्म 'वेलकम' (2007) थी।
 
अवॉर्ड्स और नॉमिनेशन
 
'इंसान' (1971) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर
'सफर' (1971) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर
'इंटरनेशनल क्रुक' (1975) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर
फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2001)
निगेटिव रोल के लिए IIFA अवॉर्ड (2004)
जी सिने अवॉर्ड्स फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट (2008)
"प्राइड ऑफ द इंडस्ट्री" मैक्स स्टारडस्ट अवॉर्ड (2009)
 
फिरोज की आखिरी यात्रा
 
फिरोज कैंसर के चलते अपने होम टाउन बेंगलुरु में स्थिति फार्महाउस लौट आए थे, लेकिन कैंसर के सामने उन्होंने 27 अप्रैल, 2009 को घुटने टेक दिए। फिरोज को विदाई देने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था। उनकी शव यात्रा में उनके परिवार के सदस्य बेटे फरदीन, भाई संजय, ऋतिक रोशन, सुजैन के साथ करीबी दोस्त और फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां शामिल हुईं। उनकी कब्र होसुर रोड पर शिया कब्रिस्तान में उनकी मां के पास बनाई गई।
 
आगे तस्वीरों में देखिए फिरोज खान की अंतिम यात्रा...

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