Wednesday, March 25, 2015

TIPS: अगर बहू रखेगी इन 10 बातों का ख्याल, तो नहीं होंगे सास से झगड़े

लाइफस्टाइल डेस्क: शादी के बाद सबसे चैलेंजिंग होता है नए घर में जाना, वहां के लोगों को समझना और हर चीज़ में एडजस्ट करना। ऐसे में नई-नवेली दुल्हन के लिए सबसे मुश्किल होता है सास-बहू के रिश्ते में मिठास घोलना, उन्हें शिकायत का कोई मौका नहीं देना। लेकिन बावजूद इसके एक समय ऐसा आ ही जाता है, जब स्थिति संभालनी मुश्किल हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको सास-बहू के रिश्ते को सुधारने के 10 टिप्स बता रहे हैं।
1. रफा-दफा करें
हर समय किसी ना किसी बात को लेकर अंदर ही अंदर जलने- कुढ़ने से बेहतर है कि आप उस समस्या का समाधान ढूंढ लें। हर छोटी बात का मुद्दा
 बनाने से बेहतर है कि उसे जाने दें, क्योंकि कई बार ज़रा सी बात परिवार में बड़े- बड़े लड़ाई-झगड़ों का कारण बन जाती है।



2. जिम्मेदारियां बांटे
ज्यादातर औरतों के दिल में यह डर रहता है कि कहीं उनके बेटे की लाइफ में कोई दूसरी औरत उनकी जगह ना ले ले। यही वजह है कि ज्यादातर घरों में सास और बहू, दोनों एक दूसरे से इनसिक्योर रहती हैं। यही होने वाले झगड़ों की मुख्य वजह भी है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि दोनों अपनी-अपनी जिम्मेदारियां बांट लें। मां का फर्ज मां ही निभाए और बहू को भी अपने काम करने में स्वतंत्रता प्राप्त हो। इससे दोनों को अच्छा लगेगा और बहू की घर में इमेज भी अच्छी बनी रहेगी।
Other Tips: अपना नजरिया रखें, ज्यादा उम्मीदें ना रखें, उनकी उम्मीदें भी ना बढ़ाएं, अपनी सीमाएं तय करें, बोलते वक्त शब्दों का ख्यल रखें, अपनी शादीशुदा जिंदगी अलग रखें, खुद बातचीत करें, शिकायत ना करें।
3. अपना नजरिया रखें गलतफहमियों से बचे रहने के लिए बेहतर है कि आप अपनी सास से खुलकर बात करें और अपना नज़रिया उनके सामने ज़रूर रखें। कोई बात आपको अच्छी नहीं लग रही तो बहुत ही सभ्य तरीके से अपनी बात रखें। यकीन मानिए आपका ये रवैया आपकी सास को पसंद भी आएगा और अगली बार से वो आपकी पसंद का ख्याल भी रखेंगी।
4. ज्यादा उम्मीदें ना रखें
बहुत सी लड़कियां सास-बहू के रिश्ते में मां-बेटी का रिश्ता तलाशने लग जाती हैं और जब सास उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती, तो आपस में मतभेद होने लगते हैं। ऐसे में सलाह यह है कि सास को मां की तरह समझना चाहिए, ना कि मां। हर रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है जिसके अंदर ही रिश्ता निभाया जा सकता है।

Tuesday, March 24, 2015

इस कैच ने कीवी टीम को जिताया मैच, पहुंचाया फाइनल

विकेट खोने और धीमा खेलने के बाद बीच के ओवर्स में साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी तेजी से रन बनाने के चक्कर में थे। दो विकेट गिरने के बाद क्रीज पर आए रिली रोसोउ 39 रन बना चुके थे। न्यूजीलैंड की पारी का 27वां ओवर एंडरसन फेंक रहे थे। पहली बॉल वाइड बाउंसर रही और रोसोउ के सिर के ऊपर से गुजरी। अगली बॉल कुछ शॉर्ट थी। रोसोउ ने इसे पीछे की ओर मारने की कोशिश की और गुप्टिल को कैच थमा बैठे। गुप्टिल कई फीट ऊपर हवा में उछले और सिर्फ एक हाथ से कैच पकड़ा। ऐसा लगा जैसे बॉल खुद ही उनके हाथ में आकर चिपक गई हो।
रिली रोसोउ ने इससे पहले इस वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज (61 रन, 39 बॉल) और आयरलैंड (61 रन, 30 बॉल) के खिलाफ बेहतरीन पारियां खेली थीं। उनकी बैटिंग देखकर साउथ अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स ने कहा था कि, रोसोउ को देखने के बाद ही मैं फास्ट बैटिंग कर सका। इसके बाद वेस्ट इंडीज के खिलाफ ही डिविलियर्स ने रिकॉर्ड 162* रन (66 बॉल) बनाए थे। रोसोउ ने इस टूर्नामेंट में 6 मैचों की पांच पारि

चाहे हड्डियों का दर्द हो या पेट में दर्द, फूलगोभी के रस में है इनका समाधान

लाइफस्टाइल डेस्क: सब्जियां सिर्फ लंच और डिनर का स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं होतीं, बल्कि इनमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। अब फूलगोभी को ही ले लीजिए। फूलगोभी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। यह दिल की बीमारियों से बचाती है। यह त्वचा रोग, गैस, बालों के रोग और लगभग हर दर्द से निजात दिलाती है। इसमें न्यूट्रिशन की कोई कमी नहीं है। आज से हम ऐसी ही 7 सब्ज़ियों पर 7 दिनों के लिए सीरीज़ 'सेहत का खज़ाना' चला रहे हैं। इसमें हम सब्जियों जैसे फूलगोभी, बैंगन, कद्दू, फराशबीन, परवल, आलू, तोरी आदि के औषधीय गुणों की बात करेंगे। शुरुआत करते हैं फूलगोभी से।
हड्डियों के दर्द में आराम
फूलगोभी और गाजर का रस समान मात्रा में तैयार कर इसका 1 गिलास प्रतिदिन दिन में दो बार देने से पीलिया ग्रस्त रोगी को फायदा होता है। डांग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार इसी फॉर्मूले को हाथ-पैर और हड्डियों में दर्द की शिकायत करने वाले रोगियों को देने की सलाह देते हैं।

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पेट दर्द में आराम
अगर प्रतिदिन खाली पेट एक कप गोभी के रस का सेवन किया जाए, तो कोलायटिस और पेट दर्द से संबंधित विकारों में आराम मिलता ह
Other Benefits: गठिया रोग में फायदा, न्यूट्रिएंट्स से भरपूर, मसूड़ों की सूजन में आराम, गले की सूजन में आराम, स्किन डिजीज में आराम, कब्ज़ की समस्या से निदान।

आदिवासियों के नायाब नुस्खे छिपे हैं फूलगोभी में:
फूलगोभी संपूर्ण भारत में सब्जी के तौर पर प्रचलित है और इसकी खेती भी लगभग सभी प्रान्तों में की जाती है। हमारे देश की कोई ऐसी रसोई नहीं होगी जहां फूलगोभीना मिले। इसका वानस्पतिक नाम ब्रासिका ओलेरेसिया वेरा बोट्रायटीस है। फूलगोभी को वैसे तो अनेक तरह की स्वादिष्ठ सब्जियों को तैयार करने में इस्तमाल किया जाता है, लेकिन बहुत ही कम लोग इसके औषधीय गुणों से परिचित हैं। अगर आप भी इससे जुड़े पारंपरिक ज्ञान को जानेंगे, तो हैरान हो जाएंगे। चलिए आज जानते हैं फूलगोभी से संबंधित आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान के बारे में।

नोट- फूलगोभी के संदर्भ में रोचक जानकारियां और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहे हैं डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 साल से ज़्यादा भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्यप्रदेश), डांग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहे हैं।

मौसम का हाल - हॉट और सेक्सी! इन गर्मियों के लिए हमारे पसंदीदा 6 डिज़ाइनर्स

लैक्मे फैशन वीक का पांचवा दिन रहा अनजाने अनदेखे एक्सपेरिमेंट्स के नाम – फिर चाहे वो silhouettes हों या फैब्रिक्स. हमें यहां पर शोकेस किए गए इंडियनवेयर भी पसंद आए जिन्हें एक अलग ही ट्विस्ट के साथ पेस किया गया था. यहां देखे गए कुछ ऐसे ट्रेंड्स जो बेशक आपकी गर्मियों को आरामदायक बना देंगे, तो इनके बारे में जानने के लिए आगे पढ़िए...
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Shivan & Narresh – आप अपने स्विमसूट को कितनी बार रीवैम्प कर सकते हैं? जितनी बार भी आप करना चाहें! जो ये साफ कर देता है कि क्यों एक बार फिर Shivan & Narresh ने चुना कलर ब्लॉकिंग और डिजिटल प्रिंट्स को अपेन कलेक्शन के मुख्य बिंदु के तौर पर. पर इस बार इसमें ऐसे silhouettes और कट्स देखने को मिले जो आपकी खूबसूरती को कई मायनों में बढ़ाते हैं. यहां देखे गए अलग-अलग फैब्रिक्स वाले स्विमसूट्स जो किसी भी तरह से शरीर को ढक नहीं रहे थे – क्लीवेज बढ़ता ही गया और बिकिनी लाइन ऊपर चढ़ती चली गई. रंग-बिरंगे काफ्तान्स, कवर-अप्स और रेट्रो ड्रेसज़ इस कलेक्शन का ग्लैम फैक्टर बढ़ा रहे थे. जो बात हमें सबसे ज़्यादा पसंद आई वो थी स्विमसूट्स में की गई डीटेलिंग और स्टडेड ऐडिशन्स और क्रॉप टॉप्स भी. 
Mandira Bedi – एक चीज़ जो मंदिरा बेदी को बाकी फैशन डिज़ाइनर्स से अलग कर रही थी वो थे उनके कलर ब्लॉक्ड बनारसी फैब्रिक्स. ये एक बेहद सिंपल कलेक्शन था – स्प्रिंग-समर कलर पैलेट में कुछ बेहतरीन साड़ियां. जिनमें हमें दिखे पॉप पिंक्स, ब्राइट ऑरेंजेज़, बोल्ड रेड्स और मेलो येलोज़. इस कलेक्शन में हमें देखने को मिले डबल बॉर्डर वाली साड़ियां और बेहद दिलचस्प ब्लाउज़ेज़ – जी नहीं हम हॉल्टर नेक की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी बात कर रहे हैं जिनके स्ट्रैप्स पर दिखी डीटेलिंग और शियर हाइनेक वाले ब्लाउज़ेज़. हमने जो देखा वो हमें पसंद आया.

Sunday, March 22, 2015

1, 2, 5 रुपए के सिक्कों की पहचान से जुड़ा है एक राज, नहीं जानते होंगे आप

नई दिल्ली. 'हैपी न्यू ईयर'... 2015 की शुरुआत आज से हो गई है। नए साल पर हर कोई नया करने की तलाश में रहता है। ऐसे में अपनी सरकार भी कुछ नया करके सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने जा रही है। पहले दिन ही उन्होंने 20 साल पुराने एक रुपए के नोट को छापने की शुरुआत करने का मन बनाया है। इसी शुरुआत के लिए हम भी एक सीरीज के जरिए आपको भारतीय सिक्कों और नोटों से जुड़ी काम की जानकारी दे रहे हैं।



पिछले दिनों इसी सीरीज के तहत 100, 500 और 1000 जैसे सभी नोटों से जुड़ी अहम बातें बताई थी। आज इसी सीरीज के तहत आपको 1, 2, 5 और 10 रुपए के सिक्कों की असलियत बयां करने वाली जानकारी दे रहे हैं।
हर सिक्का कुछ कहता है...
1, 2, 5 और 10 रुपए के सिक्कों से हमारा वास्ता रोज ही पड़ता है। लेकिन, इस सिक्के पर लिखी हर बात और बने हर चिन्ह का एक मतलब होता है, जिससे आधा से ज्यादा देश अंजान है।
1, 2, 5 और 10 रुपए के सिक्कों से हमारा वास्ता रोज ही पड़ता है। लेकिन, इस सिक्के पर लिखी हर बात और बने हर चिन्ह का एक मतलब होता है, जिससे आधा से ज्यादा देश अंजान है।
इन सिक्कों को लेकर क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि इनमें बने खास चिन्ह क्या असलियत बताते हैं। अगर नहीं तो जनाब. सिक्कों पर बने विशेष चिन्ह ये दर्शाते हैं कि आखिर वह आया कहां से है।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये कौन से चिन्ह की हम बात कर रहे हैं जो इतना कुछ बता देता है और आपको इसके बारे में कुछ पता ही नहीं। तो अब आप अपने सिक्के पर गौर कीजिए और हम बताते हैं कि सिक्के कैसे बयां करता है कि वह कहां से आएं हैं।


चैत्र नवरात्रि: चाहते हैं शुभ फल तो राशि अनुसार करें ये उपाय

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 21 मार्च, शनिवार से 28 मार्च, शनिवार तक मनाया जाएगा। ये नौ दिन मां दुर्गा की साधना कर सिद्धियां प्राप्त करने के लिए बहुत ही विशेष माने जाते हैं। इन नौ दिनों तक अगर कोई व्यक्ति राशि अनुसार उपाय करे, तो उसकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। राशि अनुसार उपाय इस प्रकार हैं-

मेष- इस राशि के लोगों को स्कंदमाता की विशेष उपासना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। स्कंदमाता करुणामयी हैं, जो वात्सल्यता का भाव रखती हैं।

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वृषभ- वृषभ राशि के लोगों को महागौरी स्वरूप की उपासना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। ललिता सहस्रनाम का पाठ करें। जन-कल्याणकारी है। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
मिथुन- इस राशि के लोगों को देवी यंत्र स्थापित कर मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए साथ ही तारा कवच का रोज पाठ करें। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान प्रदाता व विद्या के अवरोध दूर करती हैं।

ब्लाउज़ सिलाने से पहले इन 4 बातों का रखें ध्यान

आप के पास एक बहुत ही खूबसूरत साड़ी है और अब आप इसके लिए एक stunning ब्लाउज़ सिलाने की सोच रही हैं और इसके डिजाइन के लिए आपने कई वेबसाइट भी छान मारी. अपने सेलेक्ट किए हुए डिजाइन को टेलर को सिलने भी दे दी पर जब ब्लाउज़ सिल कर आपके पास आया तो इसकी लूज फिटिंग या इसके shoddy लुक की वजह से आपको रोना आ गया. अगर ऐसा है तो अगली बार इन 4 बातों को ध्यान में रखकर अपने ब्लाउज़ को सिलाए.
सही फिटिंग का रखें ध्यान - ब्लाउज़ की फिटिंग का परफेक्ट होना बहुत ज़रूरी होता है. अगर ये ढीला-ढाला होगा तो आप इसे नहीं पहन पाएंगी. इसकी फिटिंग परफेक्ट हो इसके लिए ज़रूरी है कि आपकी बॉडी सही तरीके से नापी गई हो. फिटिंग की दिक्कत खासकर तब आती है जब आप कोई फैंसी ब्लाउज़ सिला रही हो वो भी padded कप वाली. ऐेसे में आप ध्यान रखें कि आपके ब्रा का साइज सही हो ताकि padded कप उसमें फिट हो जाए. कई टेलर एक ही साइज वाले कप्स सभी ब्लाउज़ के लिए इस्तेमाल करते हैं इसलिए हमेशा सही कप साइज को ही चुने. आपके ब्लाउज़ की फिटिंग सही है ये जानने के लिए ब्लाउज़ पहनने के बाद अपने हाथों को ऊपर उठाए अगर कप अपनी जगह से नहीं खिसकतें हैं और ब्लाउज़ का sleeves कम से कम इतना लूज हो कि आप अपने arms को आसानी से हिला सकती है तो आपके ब्लाउज़ की फिटिंग परफेक्ट है.



ऐसी होनी चाहिए फैब्रिक - जब भी आप अपने ब्लाउज़ के लिए डिजाइन सेलेक्ट करें तो इसकी फैब्रिक का भी ध्यान रखें. Sequins या georgette के ब्लाउज़ में लाइनिंग का ध्यान रखें और अगर आपके ब्लाउज़ में ये फैब्रिक ज़्यादा मोटे हैं तो अंदर की लाइनिंग का खास ध्यान रखें क्योंकि जहां sequin स्किन में चुभने लगता है वहीं  georgette जल्दी फट जाता है. ऐसे में cotton फैब्रिक सबसे बेस्ट ऑप्शन है पर ध्यान रहे कि इसे सिलाना से पहले आप इसे धो लें. और अगर आपके पास इसे धोने का टाइम नहीं है तो फिर आप linen को चुनें. ये फैब्रिक धोने के बाद shrink नहीं करता.


बॉडी टाइप के according ऐसे चुने ब्लाउज़ - ज़्यादा लंबी, ज़्यादा छोटी या फिर आपके शेप से बिलकुल अलग ब्लाउज़! ऐसे ब्लाउज़ आपको सिर्फ एक hideous लुक ही देतें हैं. ऐसे में हमेशा अपने बॉडी शेप को ध्यान में रखकर ही इसे सिलाए. अगर आपकी बॉडी apple शेप है तो आप spaghetti straps की जगह scoop neck वाले ब्लाउज़ चुने और अगर आपका कद छोटा है या फिर आप पतली-दुबली हैं तो rectangular और oval शेप के ब्लाउज़ आपके लिए बेस्ट होंगे. Round और square गले वाले ब्लाउज़ universal है और ये सभी वुमेन को suit करेंगे. अगर आपका बैक toned नहीं है पर आप बैकलेस पहनना चाहती हैं तो अपने ब्लाउज़ के बैक में keyhole लगवाए. ये आपके बैक के centre को दिखाएगा और आपके flaws को छिपाना का काम करेगा.



Friday, March 20, 2015


जॉन सीना को सताती है गर्लफ्रेंड की चिंता, कहा- प्लीज, अब छोड़ दो WWE

मियामी. WWE के स्टार पहलवान जॉन सीना ने गर्लफ्रेंड निक्की बेला को खतरनाक फाइट के लिए रिंग में नहीं उतरने की सलाह दी है। उनका कहना है कि निक्की बेला और उनकी जुड़वां बहन ब्राई बेला की चिंता सताती रहती है। जॉन सीना का चिंता करना भी लाजमी है, क्योंकि सूत्रों की माने तो दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं। निक्की बेला जॉन सीना के साथ ही उनके मियामी वाले घर में रहती हैं।

जॉन सीना ने एक फाइट से पहले लंच के दौरान अपने और निक्की के फ्यूचर के बारे में बात शुरू की। उन्होंने पहले तो बताया कि रिश्ते में अब पहले से काफी बदलाव आया है। जॉन सीना को हमेशा निक्की की चिंता सताती रहती है। उन्होंने निक्की का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा, "मैं WWE को बहुत प्यार करता हूं। लेकिन अब नहीं चाहता कि तुम रिंग में उतरो, क्योंकि मुझे हमेशा तुम्हारी चिंता सताती रहती है। WWE काफी खतरनाक है।" उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "तुम और ब्राई बढ़ियां कर रही हो, लेकिन मेरे हिसाब से अब तुम्हें WWE छोड़ देना चाहिए। तुम्हें पैसों की कमी नहीं है, जितना तुम यहां से कमाती हो, कहीं और से भी कमा सकती हो और मैं तो तुम्हारे साथ ही हूं ना।" इस पर निक्की ने सोचकर बताने की बता कही।

जन लोकपाल आंदोलनकारी सुनीता का हमला, बोलीं-AK को नहीं पसंद है विरोध

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सामने आए ऑडियो टेप के बाद उनके व्यक्तित्व को लेकर कई तरह की बातें होने लगी हैं। केजरीवाल पर उनकी ही पार्टी के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने आरोप लगाया था कि पिछले साल इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल चाहते थे कि कांग्रेस के विधायक टूटकर उन्हें समर्थन दें। इस बात के सामने आने के बाद कई लोग उनकी ईमानदारी पर सवाल भी उठा रहे हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी मजबूती से उनके साथ खड़ी है। लेकिन अरविंद के साथ काम कर चुके और काम कर रहे कुछ लोगों ने उनके बारे में अपना नजरिया जाहिर किया है। उस पर नजर डालिए:



पार्टी बनाने का फैसला आम सहमति से नहीं 
सुनीता गोदारा का कहना है कि अरविंद की कई बातें उनको पंसद नहीं आती थीं। सुनीता के मुताबिक, 'भूख हड़ताल के 12 वें दिन पार्टी बनाने का फैसला लिया गया, लेकिन आईएसी की 24 सदस्यीय कोर कमेटी में इसको लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। अरविंद ने कुछ लोगों के साथ पार्टी के गठन का फैसला ले लिया। अन्ना भी इसके खिलाफ थे, लेकिन अरविंद ने पार्टी बनाने का फैसला ले लिया और घोषणा कर दी।' सुनीता ने कहा कि ये गलत है कि राजनीतिक पार्टी के गठन में अन्ना की सहमति थी। आंदोलन के 12 वें दिन अन्ना ने मुझे और कोर कमेटी के सदस्यों को दो पेज का लेटर दिया, जिसमें कांग्रेस के गठन के समय महात्मा गांधी के विचार के बारे में लिखा था। अन्ना अंत तक पार्टी बनाने के खिलाफ थे।
अरविंद को विरोध पसंद नहीं 
सुनीता गोदारा का कहना है कि अरविंद में कई बदलाव आए हैं। उनके मुताबिक, योगेंद्र और प्रशांत भूषण को पीएसी से बाहर करने का साफ मतलब है कि उन्हें आलोचक पसंद नहीं हैं। गोदारा के अनुसार अरविंद उन लोगों को पसंद करते हैं जो ये कहते हैं कि 'तुम हो तो मैं हूं', लेकिन अरविंद उन लोगों को पंसद नहीं करते हैं जो कहते हैं, 'माना की तुम तो हो लेकिन हम भी हैं।'
काबिलियत पर शक नहीं
सुनीता गोदारा के मुताबिक अरविंद की काबलियत पर अब भी शक नहीं है, लेकिन वे चौकड़ी से घिर गए हैं। गोदारा का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का लोगों से कम्युनिकेशन बंद हो गया है, लेकिन आदंलोन के समय ऐसा नहीं था। अगर प्रशांत भूषण जैसे लोगों को मिलने के लिए समय लेना पड़े तो आप समझ सकते हैं कि क्या स्थिति है। अरविंद आंदोलन के दौरान जमीन से जुड़े रहते थे। चाहे किसी के सम्मान करने की बात हो या फिर किसी समस्या का समाधान वह तैयार रहते थे, लेकिन सत्ता और सरकार की लड़ाई में वे शायद बदल गए हैं। गोदारा के अनुसार अरविंद अगर पार्टी नहीं बनाते तो आज वे ज्यादा प्रभावी होते और सरकार को उनकी बातें माननी पड़ती।

बाकियों से अलग नहीं 
बिजली-पानी जैसे मुद्दे पर अरविंद की सरकार फैसले जरूर ले रही है, लेकिन कॉमनवेल्थ घोटाले में शीला दीक्षित और सुरेश कलमाड़ी के मुद्दे पर पार्टी की रणनीति कहीं दिखाई नहीं देती है। इसी मुद्दे को लेकर आईएसी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। गोदारा सवाल पूछती हैं, 'क्या बड़े कॉर्पोरेट के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पार्टी अपने पुराने मुद्दे पर कायम हैं?' उनके मुताबिक, हाल की घटनाओं से इंटरनल डेमोक्रेसी की बात बेमानी लग रही है। गोदारा के अनुसार पार्टी में जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं उससे भागने के बजाय ईमानदारी से जवाब देने और हल करने की जरूरत है, जो शायद नहीं हो रहा है। अरविंद केजरीवाल शायद सरकार में हैं, लिहाजा पारदर्शिता और शुचिता की बात खत्म हो गई है।

इन साधारण घरेलू नुस्खों से चेहरे पर निखार आ जाता है


चमकता चेहरा किसे अच्छा नहीं लगता है, लेकिन फिर भी अधिकतर लोग इस दुविधा में रहते हैं कि आखिर वे कम समय में कैसे अपना चेहरा चमका सकते हैं। वैसे तो परफेक्ट स्किन पाना बहुत आसान काम नहीं है। इसके लिए सही खान-पान के साथ ही त्वचा की उचित देखभाल भी जरूरी है, मगर आजकल अधिकतर लोग समय की कमी के कारण त्वचा पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। जिसके कारण स्किन डल हो जाती है। यदि आपके साथ भी यही समस्या है तो हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे आसान घरेलू तरीके जिन्हें आप अपना लेंगे तो चेहरा चमकने लगेगा।

1. नीम त्वचा की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके उपयोग से पिंपल्स दूर हो जाते हैं। चार-पांच नीम की पत्तियों को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर थोड़ा पानी डालें और पीस लें। यह लेप लगाएं और 15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
2. केला चेहरे की झुर्रियां मिटाता है। यह त्वचा में कसाव लाता है। पका केला मैश कर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
3. 1/2 चम्मच चिरौंजी को 2 चम्मच दूध में भिगो दें। कुछ घंटों बाद पीसकर पेस्ट बनाकर लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें। इस पैक को नियमित रूप से डेढ़ महीने लगाने पर रंग निखरने लगता है।
4. कच्चा दूध त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। थोड़ा कच्चा दूध लेकर उसे चेहरे पर मलें। सूख जाने पर उस पर खाने वाला नमक लगाकर धीरे-धीरे मसाज करें। इससे मृत त्वचा निकल जाएगी।


5. दो चम्मच खीरे का रस, आधा चम्मच नींबू का रस और चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगाएं।
6. चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी, दो चम्मच शहद, दो चम्मच दही और एक नींबू का रस साथ मिलाकर त्वचा पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
7. आंखों के नीचे काले घेरे हों तो रोजाना आंखों के आसपास कच्चे आलू के टुकड़े से हल्के हाथों से मसाज करें। कुछ ही दिनों में काले घेरे दूर हो जाएंंगे।
8. रोज कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीने से त्वचा पर झुर्रिया नहीं पड़तीं।
9. रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गाजर का जूस पीने से रंगत निखरने लगती है।
10. ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसके नियमित सेवन से त्चचा के दाग-धब्बे दूर होते हैं।


Thursday, March 19, 2015

शराब पीकर छेड़ने वाले के बाल पकड़, घसीटते हुए पुलिस चौकी तक ले गई लड़की

मुंबई. मुंबई की एक लड़की ने छेड़खानी करने वाले एक शराबी को सबक सिखा दिया। प्रदन्या मंधारे नाम की लड़की ने बिना किसी की मदद के रेलवे स्टेशन पर आरोपी शख्स के बाल पकड़े और उसे घसीटते हुए पुलिस चौकी तक ले गई।
गलत ढंग से छुआ तो लड़की ने बैग से की धुलाई 
मुंबई के विले पार्ले के एक कॉलेज में बैचलर ऑफ मास मीडिया की स्टूडेंट प्रदन्या ने बुधवार को बोरीवली के लिए लोकल ट्रेन पकड़ी। प्रदन्या के मुताबिक, 'जब ट्रेन कांदिवली स्टेशन पहुंची तो अनाउंसमेंट हुई कि वह ट्रेन बोरीवली के प्लैटफॉर्म नंबर 8 पर जाएगी। इसलिए मैं ट्रेन से उतर गई क्योंकि प्लैटफॉर्म नंबर 8 मेरे घर की तरफ जाने वाले रास्ते से बहुत दूर है। मैंने दूसरी ट्रेन के लिए इंतजार करने का फैसला किया। इसी दौरान एक शराबी मेरे पास आया और मुझे गलत ढंग से छुआ। जब मैंने उसे नजरअंदाज किया तो उसने मुझे पकड़ लिया। कुछ पलों तक तो मुझे विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद मैंने उसे अपने बैग से मारना शुरू किया। वह भी मुझे मारने की कोशिश कर रहा था। लेकिन चूंकि उसने शराब पी रखी थी इसलिए मैं उस पर भारी पड़ी।'
'मैंने उसे भागने नहीं दिया'
प्रदन्या के मुताबिक, 'वह आदमी इतना गंदा था कि मुझे उसे छूने का भी मन नहीं कर रहा था। लेकिन मैंने उसके बाल पकड़े और जीआरपी चौकी तक घसीटते हुए ले गई। उसे घसीटते हुए ले जाना मुश्किल था क्योंकि वह भागने की कोशिश कर रहा था और मुझे इस बात का भी डर था कि कहीं वह मेरे ऊपर हमला न कर दे। उस दौरान वह कह रहा था कि मैं उसके बाल छोड़ दूं और वह अपने आप मेरे साथ चलने के लिए तैयार है। लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा। आखिर में मैंने उसे पुलिस को सौंप दिया। ऐसे मामलों में हर महिला को जवाब देना चाहिए और चुप नहीं रहना चाहिए। मैं पुलिस की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मेरी मदद की।'

कंडोम के जरिए कर रहे थे गोल्ड स्मगलिंग, दर्द से बचने के लिए लेते थे पेन किलर्स

अहमदाबाद. यहां एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम विभाग ने एक महीने में चार ऐसे गोल्ड स्मगलर्स को गिरफ्तार किया है जो कंडोम के जरिए गोल्ड को गुदा (rectum) में डालते थे और फिर जब यह पेट में पहुंच जाता था तो उसे भारत लाया जाता था। खास बात यह है कि इस प्रक्रिया के दौरान होने वाले दर्द से बचने के लिए ये स्मगलर्स पेन किलर्स लेते थे।
एक बार में एक किलो से ज्यादा सोना पेट में

सूत्रों के मुताबिक, ये स्मगलर एक बार में एक किलोग्राम से भी ज्यादा गोल्ड अपने शरीर के अंदर छुपा लेते हैं। अधिकारियों के मुताबिक पेट में छुपाकर सोने की तस्करी कोई नयी बात नहीं है लेकिन इसके लिए जो तरीका अपनाया जा रहा है वह हैरान कर देने वाला है। सूत्रों के मुताबिक तस्कर सबसे पहले गोल्ड खरीदते हैं। इसके बाद उसे तीन लंबे टुकड़ों में बांट कर टेप से चिपका दिया जाता है। फिर इस गोल्ड को एक रबर बैग में डाल दिया जाता है। जब यह काम पूरा हो जाता है तो फिर इस रबर बैग को कंडोम में रखा जाता है। इसके बाद कंडोम के ओपन पार्ट को बांध दिया जाता है और फिर इस कंडोम को गुदा में डाल दिया जाता है, लेकिन ऐसा करते वक्त स्मगलर्स कोई अतिरिक्त चिकनाई (एक्सट्रा लुब्रीकेंट) यूज नहीं करते।

आमतौर पर सोना दुबई से अहमदाबाद स्मगल किया जाता है क्योंकि दोनों शहरों के बीच का सफर तय करने में केवल तीन घंटे लगते हैं। पेट में सोना पहुंचाने के दौरान जो दर्द होता है उससे बचने के लिए स्मगलर पेन किलर्स का उपयोग करते हैं। हैरानी की बात यह है कि पूरे सफर के दौरान ये स्मगलर्स न तो कुछ खाते हैं और न पीते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पेट पर दबाव न पड़े और गोल्ड बाहर न निकल आए।

Wednesday, March 18, 2015

9 विकेट से हार श्रीलंका वर्ल्‍ड कप से बाहर, द. अफ्रीका चौथी बार सेमीफाइनल में

सिडनी. वर्ल्ड कप-2015 के पहले क्वार्टर फाइनल में साउथ अफ्रीका ने श्रीलंका को 9 विकेट से हरा दिया। यह चौथा मौका है, जब वह वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचा है। इससे पहले वह 1992, 1999 और 2007 में सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चुका है। अब गुरुवार को भारत और बांग्‍लादेश के बीच दूसरा क्‍वार्टर फाइनल खेला जाएगा। 
श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। श्रीलंका के बैट्समैन साउथ अफ्रीकी बॉलर्स जेपी डुमिनी और इमरान ताहिर की गेंदों का सामना नहीं कर सके और सिर्फ 37.2 ओवर्स में 133 रनों पर ऑल आउट हो गए। जवाब में साउथ अफ्रीका ने एक विकेट के नुकसान पर 134 रन बनाकर जीत दर्ज की। क्विंटन डी कॉक (78) और प्लेसिस (21) नाबाद लौटे।

कुएं में गिरा बच्चा तो हथिनी ने सूंड़ से खींच निकाला बाहर

एक अद्भूत नजारा दिखाा। कुएं में गिरे अपने बच्चे को बचाने के लिए एक हथिनी रात भर पर मौके पर खड़ी रही। हथिनी के साथ 22 हाथियों का झुंड भी घटना स्थल पर जुट रहा। बच्चे को कुएं से निकालने में बेबस हथिनी चिंघाड़ कर ग्रामीणों को मौके पर इक्कठा कर लिया। इसके बाद लोगों ने हथिनी के बच्चे तक पहुंचने का रास्ता बनाया। तब हथिनी ने खुद अपनी सूंड़ से खींच कर बच्चे को बाहर निकाला और जंगल की ओर चली गई। बच्चे और हथिनी दोनों के सूड़ कुछ यूं लिपट गए मानों कई वर्षों बाद मां और बच्चे का मिलन हुआ हो। इसके बाद ग्रामीणों के बीच भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों द्वारा हाथी के बच्चे को बचाए जाने की इस घटना को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी। मौके पर पुलिस ने भी जबरदस्त व्यवस्था कर रखी थी।
खेत में बना था छोटा सा कुआं
दरअसल इटखोरी की ओर काफी दिनों से 22 हाथियों का झुंड घूम रहा था। वहां कई घर और कई खेतों को रौंदने से ग्रामीणों ने इन्हें उधर से खदेड़ दिया। इसके बाद बीती रात हाथियों का यह झुंड पत्थलगड़ा के तेतरिया ढाब नदी गांव में पहुंचा। हाथियों का झुंड खेतों की ओर जा रहा था कि तभी एक हाथी का बच्चा खेत में बने छोटे से कुएं में जा गिरा।
मां वहीं खड़ी होकर अपने बच्चे को देखती रही
हाथियों ने अपनी सूंड़ से बच्चे को निकालने की काफी कोशिश की पर वे नाकाम रहे। इस वजह से हाथियों का यह झुंड रात भर चिंघाड़ता रहा। सुबह होते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा कि सभी हाथी जंगल की ओर चले गए और बच्चा कुएं में ही गिरा हुआ है। पर बच्चे की मां वहीं खड़ी होकर अपने बच्चे को देख रही थी। इसके बाद ग्रामीण कुछ पास पहुंचे तो हथिनी उन्हें खदेड़ने लगी। धी
रे-धीरे इसकी जानकारी पूरे गांव में फैल गई और देखते ही देखते सैकड़ों लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई।