Sunday, May 4, 2014

आखिर मिल गया एड्स का इलाज! ऑस्ट्रेलियाई समुद्री मूंगे में है चमत्कार

जेंसी, वाशिंगटन। लाइलाज रही खतरनाक बीमारी एड्स के कारक एचआईवी वायरस के इंफेक्शन की रोकथाम की दिशा में वैज्ञानिकों को सफलता मिल गई है। ऑस्ट्रेलिया के आसपास समुद्र के पानी में पाए जाने वाले मूंगे (प्रवाल) की प्रजाति में पाया जाने वाला प्रोटीन का एक किस्म एचआईवी की रोकथाम में कारगर पाया गया है। यह जानकारी एक अध्ययन में दी गई है। यह अध्ययन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के बैरी ओ कीफे के नेतृत्व में किया गया है। अध्ययन के नतीजे को एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी की सैन डिआगो में हुई वार्षिक बैठक में पेश किया गया है। 
 
'कैनिडैरिन्स' नाम का प्रोटीन उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के तट से एकत्र किए गए मूंगों में पाया गया। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में हजारों जैविक अभिलेखों की जांच करने के बाद अनुसंधानकर्त्ताओं ने इस प्रोटीन पर ध्यान केंद्रित किया। ओ कीफे ने कहा, तथ्य यह है कि यह प्रोटीन एचआईवी संक्रमण को रोकने में कारगर साबित हुआ है और यह बिलकुल नए अंदाज में इस काम को करता है, जिससे यह वास्तव में चकित करता है।

जिन बबिताजी पर जेठालाल रहते हैं फिदा, रियल लाइफ में ऐसी है उनकी अदा

मुंबई. छोटे पर्दे के हास्य धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की अलग ही दुनिया है। सास-बहू वाले सीरियल में दिखाई जाने वाले झगड़ों और रहस्यमयी दुनिया से परे यह सीरियल सिर्फ और सिर्फ हंसी की बौछारों वाला है।
 
सब टीवी पर प्रसारित होने वाले इस हास्य धारावाहिक की शुरुआत 28 जुलाई 2008 से हुई थी। सफलतापूर्वक अपने 1 हजार एपिसोड भी पूरे कर लिए हैं। अब भी जिस तरह इसने लोगों को जकड़ रखा है, उससे साफ होता है कि यह अभी और लंबी पारी खेलेगा।
 
सीरियल में जेठालाल और दया भाभी के बाद मिस्टर अय्यर व उनकी पत्नी बबिता अय्यर यानी की मुनमुन दत्ता मुख्य भूमिका में नजर आते हैं। फिलहाल हम बात कर रहे हैं मुनमुन दत्ता की, जो सीरियल में मिस्टर अय्यर की पत्नी बबिता अय्यर का किरदार निभा रही हैं। बबिता सीरियल का वह कैरेक्टर है, जिसपर जेठालाल हमेशा फ़िदा रहते हैं। जानते हैं उनकी निजी लाइफ के बारे में कुछ बातें :

बंगाली बाला हैं मुनमुन :
 
इस बंगाली बाला का जन्म 23 सितंबर 1987 को हुआ। वे कलकत्ता शहर से हैं। मुनमुन अब तक कई टीवी चैनलों और मैग्जींस के कवर पेज पर नजर आ चुकी हैं। मुनमुन दत्ता एक मॉडल और बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। 'तारक मेहता...' में उनका किरदार उनके हॉट अंदाज के बिल्कुल विपरीत है। 
 
'तारक मेहता...' से मिली पहचान :
 
मुनमुन 2006 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘हॉलिडे’ में भी नजर आ चुकी हैं। इस फिल्म की डायरेक्टर महेश भट्ट की बेटी पूजा भट्ट थीं। इस फिल्म को पाकिस्तान फिल्म फेस्टीवल में काफी सराहा भी गया था। फिल्म के मुख्य कलाकार डिनो मारिया और कश्मीरा शाह थीं। हालांकि, मुनमुन दत्ता को असली पहचान ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ धारावाहिक से मिली। सीरियल में वे कृष्णन अय्यर की पत्नी बबिता अय्यर के रूप में हैं। सीरियल में इनकी जोड़ी इसलिए भी मजेदार नजर आती है कि जहां कृष्णन का रंग सांवला है, वहीं मुनमुन बहुत गोरी हैं। धारावाहिक में जेठालाल अक्सर बबिता से फ्लर्ट करते हुए नजर आते हैं।
 
बहुत पुराना है 'जेठालाल' से रिश्ता :
 
जेठालाल और बबिता का रिश्ता बहुत पुराना है। बबिता यानी की मुनमुन दत्ता और जेठालाल यानी की दिलीप जोशी इस सीरियल के पहले ‘हम सब बाराती’ सीरियल में भी नजर आ चुके हैं।
 
विवाद और नखरे :

मुनमुन के साथ एक विवाद भी जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि उन्हें फिजिकल टच बिल्कुल पसंद नहीं हैं। यानी की शूटिंग में अगर कोई ऐसा शॉट आए जहां उन्हें कोई छू रहा हो तो वे चिढ़ जाती हैं। उनकी इस आदत के चलते यहां तक कहा जाता है कि डायरेक्टर उन्हें कई एपिसोड से आउट भी कर चुके हैं, लेकिन मुनमुन फिर भी अपनी बात पर अडिग रहती हैं। इसके अलावा ‘तारक महेता का उल्टा चश्मा’ में वे कृष्णण अय्यर (तनुज महाशब्डे) की पत्नी की भूमिका में हैं। 
 
एक तरह जहां कृष्णन का रंग सांवला है, वहीं मुनमुन बहुत गोरी हैं। इसलिए शुरुआत में मुनमुन को यह रोल करने (कृष्णण की पत्नी) में भी आपत्ति थी।उनके नखरे यहीं पर खत्म नहीं होते। सीरियल में एक शॉट होली खेलने को लेकर था, जिसमें गोकुलवासी एक-दूसरे को रंग लगाते हुए नजर आते हैं। लेकिन मुनमुन ने साफ मना कर दिया था कि कोई उन्हें रंग लगाने के लिए छुए।

 
बताया जाता है कि मुनमुन की इसी बात से चिढ़कर उन्हें सबक सिखाने के लिए डायरेक्टर ने उन्हें कई एपिसोड से बाहर कर दिया था। हालांकि इस बारे में मुनमुन का यह कहना था कि वे कोलकाता में रह रहे उनके पिता बीमार हैं। इसलिए वे कुछ समय के लिए छुट्टी पर जा रही हैं।

अगर नहीं बन सके PM तो क्या करेंगे नरेंद्र मोदी? जानिए, उनकी आगे की रणनीति

नई दिल्ली. बीजेपी के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की कथित 'लहर' के भरोसे पार्टी सत्ता में आने को लेकर पूरी तरह आश्‍वस्‍त हो चुकी है। यहां तक कि उनके संभावित कैबिनेट को लेकर भी मीडिया में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। (यहां क्लिक करके पढ़ें : नतीजे आने से पहले तैयार मोदी सरकार? जानिए किसे मिल सकता है कौन सा पद )
हालांकि, सवाल यह भी है कि अगर किसी कारण से सत्ता की चाबी बीजेपी या एनडीए के हाथ नहीं लगी तो फिर मोदी क्‍या करेंगे? क्या वह गुजरात में बतौर सीएम अपनी पारी पूरी करेंगे या फिर केंद्र की राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ाएंगे। ऐसे कई सवालों के बारे में बीजेपी फिलहाल सोच नहीं रही, लेकिन 2004 में सर्वेक्षणों में टॉप पर रहने वाली बीजेपी के असल मैदान में धराशायी होने की कहानी 2014 में भी दोहराई गई तो मोदी के भविष्य पर सवाल उठना तो लाजिमी है। 

भाजपा को भी सताने लगा है बहुमत नहीं मिलने का डर?


नई दिल्‍ली. विपक्षी पार्टियां भले ही कहती रही हों कि चुनाव में जीत मिलने के बाद भाजपा नरेंद्र मोदी की जगह राजनाथ सिंह को प्रधानमंत्री बना सकती है, लेकिन पार्टी में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के खेमे ने साफ किया है कि चाहे कैसी भी परिस्थिति आ जाए, पीएम की कुर्सी पर मोदी ही बैठेंगे। इस खेमे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर एनडीए को बहुमत नहीं मिला और दूसरी पार्टियों से समर्थन लेने की नौबत आई तो उस स्थिति में भी पीएम की कुर्सी से समझौता नहीं किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी विपक्ष में बैठना पसंद करेगी लेकिन ऐसा कतई नहीं होगा कि मोदी को छोड़ दिया जाए।
 
 
उधर, चुनाव के सात चरण पूरे हो जाने के बाद भाजपा के कुछ हलकों में बहुमत को लेकर चिंताएं भी उभर रही हैं। इन धड़े का मानना है कि एनडीए गठबंधन शायद बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। गौरतलब है कि भाजपा अभी तक एनडीए गठबंधन की जीत को लेकर पूरी तरह आश्‍वस्‍त रही है। कई ओपिनियन पोल्‍स में भी इस गठबंधन को सबसे आगे दिखाया जा चुका है। एक पोल में तो एनडीए को बाकायदा बहुमत मिलने की बात कही गई थी।

Monday, April 28, 2014

जब उठा फिरोज खान का जनाजा, तो रो पड़ा था बॉलीवुड, देखें PICS


मुंबईः भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्हें फिल्मों से जुड़े कई कामों में महारत हासिल हो। ऐसे लोग सौ में दो-चार ही होते हैं और ऐसे ही दो-चार में एक नाम था फिरोज खान का। जी हां, फिरोज खान जिन्होंने भारतीय सिनेमा में एक्टर, फिल्म एडिटर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के तौर पर पहचान बनाई। फिरोज के अंदर इन तमाम खूबियों के साथ उनको दूसरों से जुदा बनाने वाली आवाज भी थी।
 
फिरोज का जन्म 25 सिंतबर, 1939 को बेंगलुरु के पठान परिवार में हुआ था। उनका देहांत कैंसर की बीमारी के चलते 27 अप्रैल, 2009 को हो गया। उस वक्त वो 70 साल के थे। बतौर एक्टर फिरोज ने 1960 में 'दीदी' से शुरुआत की थी। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दी। जिसमें 'धर्मात्मा' (1975), 'कुर्बानी' (1980), 'जांबाज' (1986), 'दयावान' (1988), 'यलगार' (1992) शामिल हैं। इन सभी फिल्मों में एक्टिंग के साथ फिरोज ने डायरेक्शन भी किया था। बतौर एक्टर उनकी आखिरी फिल्म 'वेलकम' (2007) थी।
 
अवॉर्ड्स और नॉमिनेशन
 
'इंसान' (1971) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर
'सफर' (1971) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर
'इंटरनेशनल क्रुक' (1975) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर
फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2001)
निगेटिव रोल के लिए IIFA अवॉर्ड (2004)
जी सिने अवॉर्ड्स फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट (2008)
"प्राइड ऑफ द इंडस्ट्री" मैक्स स्टारडस्ट अवॉर्ड (2009)
 
फिरोज की आखिरी यात्रा
 
फिरोज कैंसर के चलते अपने होम टाउन बेंगलुरु में स्थिति फार्महाउस लौट आए थे, लेकिन कैंसर के सामने उन्होंने 27 अप्रैल, 2009 को घुटने टेक दिए। फिरोज को विदाई देने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था। उनकी शव यात्रा में उनके परिवार के सदस्य बेटे फरदीन, भाई संजय, ऋतिक रोशन, सुजैन के साथ करीबी दोस्त और फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां शामिल हुईं। उनकी कब्र होसुर रोड पर शिया कब्रिस्तान में उनकी मां के पास बनाई गई।
 
आगे तस्वीरों में देखिए फिरोज खान की अंतिम यात्रा...

38 की उम्र में भी कुंवारे हैं शोएब अख्तर, टीवी पर जाहिर किया धोनी के लिए प्यार!

खेल डेस्क. इंडियन प्रीमियर लीग में वैसे तो पाकिस्तानी क्रिकेटरों के खेलने पर मनाही है, लेकिन मैचों का आकलन करने के लिए पाकिस्तान के मशहूर फास्ट बॉलर शोएब अख्तर एक्सपर्ट कमेंट देने के लिए बुलाया गया है। प्री और आफ्टरआईपीएल शो में अख्तर इंग्लैंड की महिला क्रिकेटर ईशा गुहा के साथ मैच का एनालिसिस करते हैं।
 
शुक्रवार को हुए चेन्नई बनाम मुकाबले में शोएब अख्तर ने खुलकर अपना धोनी प्रेम बयां किया। उन्होंने कहा कि उन्हेंमहेंद्र सिंह धोनी बहुत पसंद हैं। हर परिस्थिति में वे जिस तरह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हैं, उससे अख्तर काफी प्रभावित हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "धोनी इज माय मैन। जब तक वे क्रीज पर हैं चेन्नई कभी हार ही नहीं सकती।"
 
अब तक हैं कुंवारे
 
रावलपिंडी एक्सप्रेस नाम से मशहूर रहे शोएब अख्तर 38वां बर्थडे केक काटने के बाद भी कुंवारे हैं। वैसे तो उनका नाम पाकिस्तानी अभिनेत्री मीरा, बॉलीवुड की दीया मिर्जा और कई अन्य मॉडल्स के साथ जुड़ चुका है, लेकिन शोएब अब तक मोस्ट वांटेड बैचलर्स की लिस्ट में शुमार हैं। उनकी स्थिति कुछ बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान जैसी है। दोनों ही स्टार्स से मीडिया में पहला सवाल यही रहता है- आप शादी कब कर रहे हैं?
 
दीया मिर्जा संग उड़ी थी अफवाह
 
शोएब अख्तर का नाम जब दीया मिर्जा से जुड़ा तब इंटरनेट के खुराफाती दिमागों को नई शरारत करने का मौका मिल गया। मिर्जा और अख्तर की साथ में फर्जी तस्वीर जोड़कर इंटरनेट पर वायरल की गई थी। दीया मिर्जा ने इस बात का कड़े शब्दों में खंडन किया था और अख्तर ने भी।

प्रियंका मोदी पर फिर हुईं हमलावर, कहा- देश चलाने के लिए बड़ा दिल चाहिए '56 इंच का सीना' नहीं

रायबरेली. यहां चुनाव प्रचार के लिए पहुंची प्रियंका गांधी ने रविवार को बीजेपी के पीएम प्रत्‍याशी नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश चलाने के लिए दरिया जैसा दिल चाहिए, '56 इंच का सीना' नहीं। बता दें कि मोदी एक रैली में खुद के लिए इस विशेषण का इस्‍तेमाल कर चुके हैं। 
 
प्रियंका यहीं नहीं रूकीं, उन्‍होंने कहा, 'इस देश को चलाने के लिए क्रूर दिल नहीं, नैतिक शक्ति वाला शख्‍स चाहिए। खोखला प्रदर्शन नहीं, भीतरी वीरता चाहिए।' महिलाओं को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि राहुल चाहते हैं कि महिलाओं को शक्ति मिले, उनका आत्मविश्‍वास बढ़े। बता दें कि प्रियंका बीते कुछ दिनों से चुनाव प्रचार के दौरान मोदी को लगातार निशाना बनाती रही हैं। गुजरात मॉडल से लेकर महिला की जासूसी तक के मामले पर उन्‍होंने मोदी को खूब खरी-खोटी सुनाई है। (पढ़ें : रायबरेली में मोदी के गुजरात मॉडल पर बरसीं प्रियंका गांधी)

लालू बोले- मोदी को नहीं रोक पाया तो नाम बदल लूंगा, पर क्‍या है जमीनी हकीकत, जानिए

नई दिल्ली. भाजपा के लोग भले ही पूरे देश में मोदी की हवा के दावे कर रहे हों, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव इस हवा को सिरे से खारिज कर रहे हैं। लालू ने तो यहां तक कह दिया है कि वो अगर बिहार में भाजपा की सीटें कम करने में सफल नहीं हुए तो वो अपना नाम बदल लेंगे। लालू का यह बयान उस मीडिया सर्वे के जवाब में आया है जिसमें बताया गया है कि बिहार में आरजेडी को सिर्फ तीन सीटें ही मिल सकती हैं। 
 
क्या कहा लालू ने  
 
लालू ने बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य बेहड़ा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लालू ने कहा कि यह आरजेडी ही थी जिसने मोदी की हवा निकाली थी। लालू प्रसाद यादव ने सांसद एम ए ए फातिमी को भाजपा के मौजूदा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। 
 

एक बिजनेस अखबार को दिए इंटरव्यू में लालू ने जबर्दस्त आत्मविश्वास जताते हुए कहा कि मतदान रूझान को देखते हुए उन्हें बिहार की सभी 40 लोकसभा सीट जीतने की उम्मीद है। लालू ने कहा कि भाजपा सिर्फ झूठे दावे कर रही है कि पूरे देश में मोदी नाम की हवा है। लालू ने साल 2004 में इंडिया शाइनिंग के दौर की भी याद दिलाई। लालू ने कहा कि भाजपा ने उस वक्त भी काफी शोर मचाया था। इस बार भी नमो राग अलापा जा रहा है जबकि असल में मोदी की हवा जैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी की हवा सिर्फ मीडिया में ही है और इस बात की पुष्टि 16 तारीख को नतीजे आने के बाद हो जाएगी।
आगे जानें, भाजपा की जमीनी हकीकत के बारे में

उलटा पड़ा 'दामादश्री' का दांव, उठे सवाल- केस क्‍यों दर्ज नहीं करवाती राजे सरकार?

नई दिल्‍ली. सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर भाजपा ने एक बार फिर हमला किया है। भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस की चुप्‍पी पर सवाल खड़े किए और पूछा कि कांग्रेस आखिरकार आरोपों का जवाब क्‍यों नहीं दे रही है? पार्टी प्रवक्‍ता निर्मला सीतारमण ने कहा- 'कांग्रेस वाड्रा से जुड़े आरोपों पर चुप क्‍यों है? वाड्रा को कोर्ट से क्‍लीनचिट नहीं मिली है पर सोनिया और राहुल कुछ क्‍यों नहीं बोल रहे हैं?' सीतारमण ने इस दौरान आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का भी उदाहरण दिया। उन्‍होंने कहा कि जब चिंता की कोई बात नहीं है तो फिर इस मामले को सामने लाने वाले को क्‍यों प्रताड़‍ित किया गया।
 
उधर, वा्ड्रा पर भाजपा के हमले के बाद टि्वटर यूजर्स ने उल्‍टे पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्‍या'दामादश्री' नाम की फिल्‍म जारी कर देने से भाजपा इस सवाल से बच सकती है कि राजस्‍थान में उसकी पार्टी की सरकारवाड्रा के जमीन सौदों की जांच कराने के लिए केस दर्ज क्‍यों नहीं करवा रही है? गौरतलब है कि वाड्रा ने कथित तौर पर राजस्‍थान में काफी जमीन खरीदी है। भाजपा ने रविवार को रॉबर्ट वाड्रा पर जो फिल्‍म जारी की है, उसमें भी इस बात का जिक्र है।
 
भजपा की इस फिल्‍म को यूट्यूब पर वैसा रिस्‍पॉन्‍स नहीं मिल रहा है। रविवार को जारी इस फिल्‍म को सोमवार 11 बजे तक यूट्यूब पर केवल 35 हजार लोगों ने देखा था। जबकि, यूट्यूब पर भारतीय जनता पार्टी के अकाउंट के 57593 सब्‍सक्राइबर्स हैं। इस लिहाज से वीडियो देखने वालों की संख्‍या को आकर्षक नहीं कहा जा सकता

Sunday, April 27, 2014

ये हैं अप्रैल में लॉन्च हुए 25 स्मार्टफोन, जानें कीमत के साथ फीचर्स

गैजेट डेस्क। स्मार्टफोन के मामले में अप्रैल का महीना खास ही रहा। सैमसंग, माइक्रोमैक्स, LG, सोनी, HTC समेत कई स्मार्टफोन मेकर्स ने अपने नए गैजेट्स मार्केट में उतारे। एक तरफ जहां माइक्रोसॉफ्ट ने नया विंडोज 8.1 फोन सॉफ्टवेयर लॉन्च किया, वहीं दूसरी ओर कई चीनी स्मार्टफोन मेकर जैसे जिओनी और हुआवी ने भी अपने महत्वाकांक्षी स्मार्टफोन पेश किए हैं। 
अगर सिर्फ भारतीय मार्केट की बात की जाए तो सैमसंग गैलेक्सी S5, HTC M8 जैसे महंगे स्मार्टफोन से लेकर माइक्रोमैक्स कैनवास Doodle 3 जैसे लो बजट फोन लॉन्च किए गए हैं। MWC 2014 (फरवरी) में लॉन्च हुए कई गैजेट्स भी इस महीने भारत आए हैं।
Dainikbhaskar.com आपको बताने जा रहा है अप्रैल महीने में लॉन्च हुए 25 नए स्मार्टफोन के बारे में।


Saturday, April 26, 2014

जानिए उन 11 देशों के बारे में, जिनके पास है दुनिया की सबसे ताकतवर सेना

इंटरनेशनल डेस्क। अफगानिस्तान, वियतनाम, और अब सीरिया, ये ऐसे देश हैं, जिन्होंने ये साफ दिखा दिया है कि बहुत छोटी-सी सेना के साथ भी युद्ध में ताकतवर सेना से बखूबी मुकाबला किया जा सकता है। हालांकि, मजबूत सैन्य ताकत किसी भी देश की एक अहम जरूरत होती है। किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सेना की ताकत से ही लगाया जाता है। वहीं, सेना का सफलतापूर्वक इस्तेमाल करना उस देश का राजनयिक कौशल माना जाता है। 
 
वेबसाइट 'ग्लोबल फायरपावर' ने तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर के देशों की सेनाओं की रैंकिंग की है। इसमें सैनिकों की संख्या से लेकर, सेना के साजो-सामान और युद्ध कौशल संबंधी योजनाओं से संबंधित तमाम बातें शामिल हैं। हालांकि, न्यूक्लियर पावर को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

मैंगो शेक - Mango Shake

फलों का राजा आम तो सभी को बहुत पसंद होते हैं और आमों से बना शेक तो और भी ज्यादा स्वादिष्ट लगता है। गर्मियों के मौसम में घर पर आम आएं और मैंगो शेक ना बने ऎसा तो हो ही नहीं सकता। बच्चे हों या बड़े मैंगो शेक तो सभी को लुभाता है। यहाँ तक कि जो लोग दूध पीना पसंद नहीं करते वो भी इसे बड़े शौक से पीते हैं। तो आइये आज बनाते हैं सबका पसंदीदा मैंगो शेक।

आवश्यक सामग्री:

चार गिलास शेक बनाने के लिये-

  • पके आम (बिना रेशे वाले) - 2 आम (400ग्राम)
  • दूध - 400 ग्राम (2 गिलास)
  • चीनी - 6-7 छोटी चम्मच

  • बर्फ के क्यूब्स - 1 छोटी ट्रे

विधि:

सबसे पहले दूध को उबाल कर ठंडा कर लीजिये और आमों को धोकर, छील कर उनके गूदे के टुकड़े कर लीजिये।
उसके बाद मिक्सी में आम के टुकड़े और चीनी डाल कर अच्छी तरह मैश कर लीजिये और फिर इस मिश्रण में दूध और बर्फ के क्यूब्स डाल कर एक बार फिर से मैश कर लीजिये।
मैंगो शेक तैयार है। अब इसे 3-4 गिलासों में डाल कर ठंडा ठंडा पीजिये और सबको दीजिये।

विशेष:

  • आप चाहें तो मैंगो शेक में एक स्कूप मैंगो या वनीला आइसक्रीम डालकर भी पी सकते हैं। इससे यह और भी स्वादिष्ट लगेगा।
  • यदि आम ज्यादा हैं और अभी प्रयोग नहीं हो पा रहे हैं तो आप आमों को छील कर गूदे के टुकड़े कर लीजिये और उसमें 2 टेबल स्पून चीनी मिला कर मिकसी में पीस लीजिये। इस मिश्रण को किसी एअर टाइट कंटेनर में भर कर फ्रीजर में रख दीजिये और 2-3 महीने तक कभी भी फ्रीजर से निकालिये और मैंगो शेक बना लीजिये।

राजनीति में ये हैं घर के विभीषण, दूसरे दलों से दे रहे अपनों को चुनौती

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सौतेले भाई दलजीत सिंह को अचानक बीजेपी ज्वाइन कराकर नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। इससे कांग्रेस जहां गुस्से से लाल हो रही है, वहीं बीजेपी खुश है कि उसे मानसिक बढ़त मिली। अगर देखा जाए, तो यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़े नेता के रिश्तेदार ने विरोधी पार्टी ज्वाइन की हो। भारतीय राजनीति में 'घर के भेदियों' का इतिहास पुराना है। 
 
मौजूदा लोकसभा चुनावों को ही लें..कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जो अपनों के विरोध में खड़े हैं। तो कई ऐसे हैं, जिनके रिश्तेदार जिस पार्टी में थे, उन्होंने उनसे ठीक अलग विरोधी पार्टी को चुना। 2014 में देश का मतदाता पारिवारिक सदस्यों के बीच छिड़ी रोचक चुनावी जंग देख रहा है। गांधी परिवार हो या सिंधिया घराना या फिर आंध्र में फिल्म स्टार भाइयों चिरंजीवी और पवन कल्याण के बीच छिड़ा वाकयुद्ध, तकरीबन हर राज्य में ऐसे चेहरे मौजूद हैं।
 
आइए चलें, इस रोचक चुनावी सफर पर...और जानें कौन-कौन से चेहरे हैं जो अपनों के खिलाफ चुनावी बगावत का बिगुल फूंक रहे हैं। 

मोदी पर बरसते हैं नेताजी, पर दंगों के मामले में गुजरात नहीं यूपी है टॉप पर

नई दिल्‍ली. मुलायम सिंह यादव भले ही दंगों को लेकर बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी पर लगातारहमला करते रहे हों, लेकिन सच्‍चाई यह है कि पिछले दो साल में गुजरात से ज्‍यादा दंगे उत्‍तर प्रदेश में हुए हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके मुताबिक दंगों के मामले में उत्‍तर प्रदेश सबसे ऊपर है। मंत्रालय का कहना है कि 2013 में दंगों की तादाद 25 प्रतिशत तक बढ़ गई।
 
उत्‍तर प्रदेश और गुजरात की बात करें तो अखिलेश यादव की सरकार के दौरान मोदी राज की तुलना में ज्‍यादा दंगे हुए हैं। 2012 और 2013 में जहां यूपी इस मामले में एक नंबर पर है वहीं गुजरात पांचवें नंबर पर। 2012 में यूपी में जहां दंगों से जुड़ी 118 घटनाएं हुईं वहीं गुजरात में 57। इसके अलावा 2013 में यूपी में दंगों से जुड़ी 247 घटनाएं हुईं तो गुजरात में 68। आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में 2012 में इस तरह के मामलों में 118 लोग मारे गए तो 2013 में 247 लोग। दूसरी तरफ, गुजरात में 2012 में दंगों की घटनाओं में 5 लोग मारे गए तो 2013 में 68।

Friday, April 25, 2014

बादाम खाकर दूर करें आंखों की कमजोरी, ऐसे खाएंगे तो चश्मा उतर जाएगा

उज्जैन।  बादाम का आकार मनुष्य की आंख की तरह होता है। यह मनुष्य की आंखों के लिए लाभकारी होती है। जिन लोगों की आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ा है बादाम उनके लिए भी फायदेमंद है। बादाम में प्रोटीन, रेशा, वसा, विटामिन और मिनरल पर्याप्त मात्रा में होते हैं, इसलिए यह स्वास्‍थ्‍य के लिए तो अच्छा है ही, त्वचा के लिए भी अच्‍छा माना जाता है। घर के बडे़ कहते हैं कि रोज सुबह दो बादाम पानी में भिगो कर जरुर खाना चाहिए क्‍योंकि इससे ताकत आती है।
 
आयुर्वेद में माना गया है कि  बादाम को भिगोकर खाने से बेहतर है कि उसे अंकुरित करके खाया जाए। इसे अंकुरित करने के लिए12 घंटो के लिए भिगोएं, फिर छान कर उसका पानी सुखा लें। बादाम को किसी कांच के जार में फ्रिज के अंदर रखें और कम से कम इसे अंकुरित होने के लिये 3 से 4 दिन का समय दें।
 
आइए आज जानते हैं बादाम के कुछ ऐसे नुस्खें जिन्हें नियमित रूप से करने पर आंखें स्वस्थ रहती हैं व चश्मा भी उतर जाता है.....
 
- आंखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता आदि रोगों में बादाम टॉनिक की तरह काम करती है। रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पी जाएं।  इससे आंखें स्वस्थ रहेंगी और लगातार यह प्रयोग करने से चश्मा भी उतर सकता है।

स्किन पर लगाएं BEER से बना फेस मास्क, दूर होंगी झुर्रियां

लाइफस्टाइल डेस्क. बियर से ब्यूटी ट्रीटमेंट इन दिनों काफी चलन में है। इससे न केवल बालों की सुरक्षा होती है, बल्कि स्किन के दाग-धब्बे भी दूर होते हैं। बियर से होने वाली ब्यूटी ट्रीटमेंट से स्किन में निखार भी आता है। इसके अलावा, आप बियर से फेस मास्क भी बना सकते हैं।
बालों में चमक लाने और उन्हें मुलायम बनाने के लिए आप बियर से शैम्पू भी बना सकते हैं।
बियर का फेस मास्क
सामग्री
एक चम्मच बियर
एक चम्मच प्लेन दही
एक चम्मच जैतून का तेल
एक अंडा
एक चम्मच बादाम का तेल


फेसबुक पर मिला शादीशुदा प्रेमी, संबंध बनाया और अपने दोस्‍त से करा दी शादी

परबतसर (नागौर). राजस्थान के नागौर जिले की एक लड़की को फेसबुक के जरिए प्यार-मोहब्बत भारी पड़ गई। जिस लड़के से उसने प्यार किया और उसके लिए घर छोड़ा, वह शादीशुदा निकला। उसने यह खुलासा प्रेमिका का शारीरिक शोषण करने के बाद किया। यही नहीं, उसने इसी बहाने प्रेमिका की शादी अपने दोस्त से करा दी। उसके जेवरात, लैपटॉप को गिरवी रख दिया और फरार हो गया। घटना हरियाणा के हिसार की है।
 
पीडि़त लड़की ने अपने प्रेमी संदीप, उसके पिता और दोस्त विजय के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस के मुताबिक, फेसबुक पर संदीप ने खुद को कुंवारा बताया था। पीड़ि‍त से उसने शादी की इच्छा जताई थी। उसे आगे पढ़ाई कराने और नौकरी दिलाने का झांसा भी दिया था। इसी बहाने वह युवती के गांव तक जा पहुंचा। जाते समय एक मोबाइल दे गया। उसके बाद दोनों इसी मोबाइल पर अक्सर बातें करने लगे। इस बीच एक दिन संदीप अपनी गाड़ी लेकर दूसरी बार युवती के गांव आया। प्यार भरी बातें कर युवती को जेवरात व 30 हजार रुपए नकद सहित जबरदस्ती भगाकर हिसार ले गया। संदीप के साथ उसका दोस्त विजय भी था।

मोदी समर्थकों ने रुकवाई केजरीवाल की सभा, पुलिस को भी देना पड़ा दखल

वाराणसी. शुक्रवार को वाराणसी के काशीपुरा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के मुखिया और लोकसभा प्रत्‍याशी अरविंदकेजरीवाल एक चौपाल में जनता को संबोधित कर रहे थे, तभी बीच सभा में 'मोदी-मोदी' के नारे लगने लगे। केजरीवाल ने भाजपा समर्थकों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपाइयों ने 'मोदी जिंदाबाद' और 'केजरीवाल वापस जाओ' के नारे लगाए। हालांकि, सभा में मौजूद पुलिस ने मोदी समर्थकों को बीच में ही रोक लिया।
दरअसल, केजरीवाल मंच से मोदी और राहुल गांधी पर पुरानी बातों के जरिए निशाना साध रहे थे, तभी लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। वे मोदी के समर्थन में नारे लगाने लगे। हालात बिगड़ते देख केजरीवाल ने सभा समय से पहले ही खत्म कर दी। इस बाबत 'आप' संयोजक ने कहा कि भाजपा घबराई हुई है। वह 'आप' का विरोध करने के लिए हर जगह लोगों को भेज रही है। जनता इसका जवाब जरूर देगी।
क्या कहते हैं लोग
मोदी के समर्थक अजय भान ने बताया कि केजरीवाल सभा में मोदी का काला चिठ्ठा खोल रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि जनता 'आप' को क्यों वोट दे। दिल्ली की जनता ने केजरीवाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें सत्ता सौंपी थी, लेकिन केजरीवाल ने दिल्ली वासियों को छोड़ दिया। अजय के मुताबिक केजरीवाल ने इन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया और अंबानी-अडानी के बारे में कहने लगे। इसपर जनता भड़क गई और सभा का विरोध शुरू हो गया।  
बुधवार को भी बनारस में एक टीवी शो के दौरान केजरीवाल के सहयोगी सोमनाथ भारती की जम कर पिटाई कर दी गईथी (देखें वीडियो)। इससे पहले केजरीवाल पर भी बनारस में स्‍याही फेंकी गई है और अंडों से भी हमले हो चुके हैं।

Thursday, April 24, 2014

दिवालिया होने के कगार पर पहुंचे अभय ने किया पांच फिल्मों का सौदा

मुंबई. 'सोचा न था' से अपने फिल्म करियर की शुरुआत करने वाले अभय देओल ने सोचा न था कि पेशेवर जीवन के 10वें साल में आते-आते उन्हें फिर से शुरुआत करने की तरकीबें सोचनी पड़ेंगी। हालांकि आलोचना का सामना उन्हें 'देव डी' और 'रोड' जैसी फिल्मों के लिए भी करना पड़ा था, जब कहा गया कि वे मुख्यधारा की फिल्में नहीं चुनकर ठीक नहीं कर रहे। फिर 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' और 'रांझणा' जैसी फिल्में भी आईं। लेकिन इस साल जनवरी में आई 'वन बाय टू' ने अभय को कर्ज में डाल दिया। 
बतौर प्रोड्यूसर उन्होंने इस फिल्म के साथ अति-आत्मविश्वास भरा और अपरिपक्व दांव खेला। उन्होंने एक बुरा विषय निर्माता के तौर पर चुना और रियल लाइफ प्रेमिका प्रीति देसाई को बतौर हीरोइन लॉन्च करने के चक्कर में नुकसान कर बैठे।
ये खबरें अभी तक पूरी तरह थमी नहीं हैं कि अभय को कर्ज चुकाने के लिए अपना घर बेचने की नौबत आ चुकी है और वे दिवालिया हो चुके हैं। इस बीच मनन-मंथन करने के बाद और नए निर्माता ढूंढऩे के बाद वे दोबारा एक्टिंग में लौट रहे हैं।
उन्होंने हाल ही में पांच फिल्मों का सौदा किया है। इनमें से तीन की कहानियां तय हो चुकी हैं और दो फिल्मों पर काम हो रहा है। पांचों में सबसे पहले ‘बंटी हंटर’ की शूटिंग मई-जून में शुरू होने वाली है। फिल्म का सह-निर्माण ब्रिटेन की एक कंपनी कर
रही है। हालांकि अभय फिल्म के बारे में फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं बता रहे लेकिन अपनी सभी डेट्स उन्होंने इन फिल्मों को दे दी है।

50 करोड़ रुपए में हुआ था आदित्य का पहली पत्नी से तलाक, जानें और मामले

मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी ने फिल्म डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा से शादी कर ली है। यशराज स्टूडियो ने स्टेटमेंट जारी करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि 21 अप्रैल को दोनों की इटली में शादी हुई है। यशराज के हवाले से दिए गए स्टेटमेंट में रानी ने कहा, "मैं अपने फैंस के साथ जिंदगी की सबसे अनमोल खुशी शेयर कर रही हूं। इस मौके पर यश अंकल बहुत याद आ रहे हैं। मैं जानती हूं कि वे हमारे साथ हैं और हमें प्यार व आशीर्वाद दे रहे हैं।'' 
 
आदित्य की दूसरी बीवी बनी रानी :
 
बता दें कि रानी मुखर्जी की भले ही यह पहली शादी है, लेकिन आदित्य के सिर पर दूसरी बार शेहरा बंधा है। इससे पहले साल 2001 में उन्होंने पायल खन्ना से शादी की थी। लगभग 7 साल तक यह रिश्ता सही सलामत चला और 2008 में दोनों ने एक-दूसरे को तलाक दे दिया।
 
50 करोड़ का अलगाव :
 
आदित्य की पहली पत्नी पायल खन्ना अपने सास-ससुर के काफी नजदीक थीं। आदित्य ने पायल को 2008 में तलाक दिया। चोपड़ा परिवार ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अरबपति परिवार की पायल को 50 करोड़ रुपए भी अलगाव के दौरान दिए। यह बॉलीवुड के महंगे तलाकों में से एक है। पायल इंटीरियर डेकोरेटर हैं और मुंबई व दुबई में काम कर रही हैं। पायल ने ही यशराज स्टूडियो का पूरा इंटीरियर डिज़ाइन किया है, जिसे आज भी वैसा ही रखा गया है। 
 
सभी जानते हैं कि बॉलीवुड-हॉलीवुड स्टार्स की शादी में बहुत पैसा लगता है, लेकिन पर्दे के पीछे की बात ये है कि जब इनका तलाक होता है तो खर्चा कहीं ज्यादा हो जाता है। हम आपको पहले ही बता दें कि हम कोर्ट-कचहरी में होने वाले खर्चे नहीं, बल्कि तलाक में दिए जाने वाले हर्जाने की बात कर रहे हैं। dainikbhaskar.com आपको फिल्म इंडस्ट्री की शख्सियतों के तलाक के कुछ ऐसे मामलों से रूबरू करवा रहा है, जिनमें बड़ी मात्रा में दौलत का लेन-देन हुआ। इतनी दौलत कि कोई भिखारी भी करोड़पति बन जाए। 

मिलिए अजय देवगन-काजोल की बिटिया से, देखें PICS

मुंबई. अजय देवगन और काजोल दो बच्चों के माता-पिता हैं। बेटा युग और बेटी न्यासा। 2003 में जन्मी न्यासा अब 11 साल की हो चुकी हैं और उन्हें पढ़ने का बहुत शौक है। इतना ही नहीं, वे तैराकी का शौक भी रखती हैं। वे अजय के साथ कभी-कभी शूटिंग पर भी नजर आती हैं। 
 
सुना तो यहां तक है कि जब अजय और काजोल 2008 में 'यू मी और हम' की शूटिंग कर रहे थे, तब न्यासा उनके साथ थीं। एक बार काजोल ने बताया था, "न्यासा जहाज को एक बहुत बड़ा प्लेग्राउंड समझती थी और दिन भर उसमें इधर से उधर दौड़ती रहती थी। आप जानते हैं कि बच्चों में कितनी एनर्जी होती है। इस छोटी सी बच्ची में एनर्जी कूट-कूटकर भरी थी। दोपहर में उसे सुलाना काफी आसान हो गया था।  सामान्यतः मुझे उसे सुलाने में समय लगता है, लेकिन जहाज में जैसे ही उसका सर तकिए पर रख जाता था, वैसे ही उसकी नींद लग जाती थी।"  

PHOTOS: मोदी ने वाराणसी से भरा पर्चा, सपा कार्यकर्ताओं ने गंगाजल से धोई मालवीय की मूर्ति

वाराणसी. बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया। पर्चा दाखिल करने से पहले मोदी ने तीन किलोमीटर लंबा एक रोड शो किया जिसमें लोगों की जबर्दस्‍त भीड़ उमड़ी थी। रोड शो के दौरान मोदी ने तीन महान हस्तियों- मदन मोहन मालवीय, सरदार पटेल और स्‍वामी विवेकानंद को नमन किया था और उनकी मूर्तियों पर माल्‍यार्पण किया था। उधर, सपा कार्यकर्ताओं ने मोदी के माल्‍यार्पण के बाद मदन मोहन मालवीय की मूर्ति को गंगाजल से धोया। एसपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि मोदी के हाथ गाेधरा कांड से रंगे हुए हैं इसलिए ऐसा किया जा रहा है।
 
नामांकन के लिए मोदी जब कलेक्‍टर ऑ‍फिस पहुंचे थे तो उन्‍हें बाहर करीब 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था। इसकी वजह यह थी उनसे पहले जो उम्‍मीदवार पहुंचे थे, वे अपना पर्चा दाखिल कर रहे थे। नामांकन के लिए मोदी ने जिन लोगों को प्रस्‍तावक बनाया था उनमें पंडित छन्‍नू लाल मिश्र और गिरिधर मालवीय शामिल थे। नामांकन से पहले कलेक्‍टर ऑफिस के बाहर मोदी ने कहा, 'आज काशीवासियों ने मुझे जो प्‍यार दिया है, मैं उसे अभिभूत हूं। मैं इस धरती को प्रमाण करता हूं, मैं यहां की परंपरा को प्रणाम करता हूं। यहां आने के बाद लगता है कि न तो मुझे किसी ने यहां भेजा है और न ही मैं यहां आया हूं। मुझे तो मां गंगा ने यहां बुलाया है।'

Wednesday, April 23, 2014

बैलगाड़ी से नामांकन करने जाएंगे भोजपुरी स्टार रविकिशन

वाराणसी. भोजपुरी फिल्म सुपर स्टार और जौनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रविकिशन आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन के लिए वह किसी लक्जरी गाड़ी से न जाकर बैलगाड़ी से जाएंगे। इससे पहले उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। 
 

dainikbhaskar.com से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि आज से वह पूर्वांचल में नई क्रांति का आगाज करेंगे। उन्होंने बताया कि कई दशकों से जौनपुर का विकास नहीं हुआ है। सड़कें खराब हैं, इसलिए वह बैलगाड़ी से ही नामांकन करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति का खेला बड़ा ही जबरदस्त है। 'ऐ बार क खेला पलट देब... नया और अद्भुत इतिहास बनी।' 

 
'मोदी क खाली हवा बा... और ऊ हवा हवा हो जाई'
 
पूर्वांचल में मोदी के सवाल का रविकिशन ने भोजपुरी स्टाइल में जवाब दिया। कहा, 'हमार कैंपेनिंग भी भोजपुरिए में होत बा' मोदी क खाली हवा बा... और ऊ हवा हवा हो जाई! हम पूर्वांचल का बेटा हई, बहुत लोगोन के भोजपूरी बोले भी न आवत! का जनता के दर्द के समझ पहिए। रणक्षेत्र में खाली भोजपुरी गुंजत ह। 
 
'राजनीति का सुपर स्टार बनूंगा'
 
रविकिशन ने कहा कि वह चिलचिलाती धूप में एक महीने से घूम रहे हैं। जिले में कांग्रेस की लहर है। रविकिशन ने बताया कि राजनीति के दिग्गज कहीं से बैठकर रणनीति बना लें, इस बार रविकिशन ही जीतेगा। उन्होंने कहा कि जौनपुर अद्भुत संग्राम क्षेत्र बना है। जनता की पीड़ा को अपनाने के लिए दर्जनों फिल्में छोड़कर कर आया हूं। राजनीति का सुपर स्टार बनकर दिखाऊंगा। 

टूटी-फ़्रूटी - Tutty Fruiti

केक, आईसक्रीम, बिसकिट्स और कैंडिज़ में इस्तेमाल होने वाली टूटी-फ़्रूटी को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है. इसे इन्डियन कैन्डीड फ्रूट्स भी कहा जाता है.

ज़रूरी सामग्री:

  • कच्चा पपीता - 400 ग्राम
  • चीनी - 400 ग्राम (2 कप )
  • कलर - पीला, लाल
  • एसेन्स - वनीला या खसखस

बनाने की विधि:

पपीते के टुकडों को ब्लान्च करें:

पपीते के टुकडों को उबलते पानी में 3 मिनट तक उबाल लें. अब गैस बंद करके उन्हें इसी पानी में 5 मिनट के लिए ढक कर रख दें. इसके बाद पपीते के टुकडे़ ब्लान्च हो गए हैं इसलिए आप इन्हें पानी से निकाल लें.

ब्लान्च किए पपीते को चाशनी में पकाएं:

एक पैन में चीनी और 500 ग्राम पानी डाल कर चीनी डालें. इसे चीनी घुलने तक पकाएं. इसमें ब्लान्च किए पपीते के टुकडे़ डालें और चाशनी को गाढा़ करके एक तार वाली चाशनी बनने तक इसे पकाएं.चाशनी गाढी़ होने पर गैस बंद कर दें. अब पपीते के इन टुकडों को थोडा़ ठंडा होने दें और जब चाशनी वाले पपीते के टुकडे़ ठंडे हो जाएं तो इनमें वनीला एसेन्स की 2-3 बूंदें मिला दें.
केक, आईसक्रीम, बिसकिट्स और कैंडिज़ में इस्तेमाल होने वाली टूटी-फ़्रूटी को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है. इसे इन्डियन कैन्डीड फ्रूट्स भी कहा जाता है.

ज़रूरी सामग्री:

  • कच्चा पपीता - 400 ग्राम
  • चीनी - 400 ग्राम (2 कप )
  • कलर - पीला, लाल
  • एसेन्स - वनीला या खसखस

बनाने की विधि:

पपीते के टुकडों को ब्लान्च करें:

पपीते के टुकडों को उबलते पानी में 3 मिनट तक उबाल लें. अब गैस बंद करके उन्हें इसी पानी में 5 मिनट के लिए ढक कर रख दें. इसके बाद पपीते के टुकडे़ ब्लान्च हो गए हैं इसलिए आप इन्हें पानी से निकाल लें.

ब्लान्च किए पपीते को चाशनी में पकाएं:

एक पैन में चीनी और 500 ग्राम पानी डाल कर चीनी डालें. इसे चीनी घुलने तक पकाएं. इसमें ब्लान्च किए पपीते के टुकडे़ डालें और चाशनी को गाढा़ करके एक तार वाली चाशनी बनने तक इसे पकाएं.चाशनी गाढी़ होने पर गैस बंद कर दें. अब पपीते के इन टुकडों को थोडा़ ठंडा होने दें और जब चाशनी वाले पपीते के टुकडे़ ठंडे हो जाएं तो इनमें वनीला एसेन्स की 2-3 बूंदें मिला दें.

विरोध के बीच केजरीवाल ने भरा पर्चा, बोले- बंद हो जाएगी विरोधियों की बोलती


वाराणसी. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को बनारस में लगातार विरोध झेलना पड़ा है। उनके नामांकन भरने से पहले भी मोदी समर्थकों ने उनका विरोध किया। केजरीवाल ने रोड शो के जरिए मोदी पर निशाना साध कर जवाब दिया। रोड शो के बाद केजरीवाल वाराणसी सीट से नामांकन दाखिल करने पहुंचे तो वकीलों ने भी उनके विरोध में नारे लगाए। पर्चा भरने के बाद केजरीवाल ने कहा कि नतीजे आने पर विरोधियों की बोलती बंद हो जाएगी।
 
इससे पहले केजरीवाल ने रोड शो में कहा कि हर 5 साल में अमेठी में राहुल गांधी का हेलिकॉप्टर दिखाई देता है। इसलिए इस बार अमेठी की जनता ने तय कर लिया है कि ऐसे आदमी को चुनने से क्या फायदा, जो पांच साल में केवल एक बार ही हेलिकॉप्टर से दिखाई देता है। केजरीवाल ने कहा कि मेरी जेब में सिर्फ 500 रुपए हैं और एक पुरानी जीप है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। काशी की जनता को ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो उनकी जरूरतों को समझ सके। उन्होंने कहा कि मोदी और राहुल जो चुनाव प्रचार के लिए करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, क्या यह ब्लैक मनी नहीं है? 
 
लहुराबीर आजाद पार्क में केजरीवाल के समर्थक सुबह नौ बजे से ही जुटने लगे थे। करीब दो घंटे बाद केजरीवाल वहां पहुंचे और समर्थकों को संबोधित किया। इससे पहले उन्‍होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण किया। उन्होंने कहा किकाशी की सड़कें टूटी हैं, लोग तड़प रहे हैं। अब जरूरत है क्रांति की। देश में एक नया इतिहास लिखने की ओर काशी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में गणतंत्र की जीत के लिए काशी आया हूं। मोदी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह पैसा बनाने के लिए लड़ रहे हैं और बनारस से जीत भी गए तो भाग जाएंगे। गौरतलब है कि मोदी वाराणसी के साथ वडोदरा से भी चुनाव लड़ रहे हैं। 
 
इससे पहले नरेंद्र मोदी के समर्थक इनका विरोध कर रहे हैं। मोदी के हमशक्‍ल एक शख्‍स ने कहा कि केजरीवाल भगोड़ा हैं और बनारस में उनका विरोध जारी रहेगा। केजरीवाल के तेलियाबाग पहुंचने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध में मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए।  

Friday, April 18, 2014

मिलिए, देश भर में घूम रहे नरेंद्र मोदी के इन चार हमशक्‍लों से



भोपाल। चुनावी मौसम है और नरेंद्र मोदी मौसमी फल की तरह सबसे ज्यादा पसंद भी किए जा रहे हैं। तकनीक के बल पर वे एक जगह होते हैं, लेकिन दिखते हजारों जगह हैं। उनकी वर्चुअल इमेज देश के कोने-कोने में पहुंच रही है। और तो और, गूगल हैंगआउट के जरिए उन्होंने विदेशों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 
 
यही नहीं, उनके अलावा उनके कई हमशक्ल भी हैं, जो चुनावी मौसम में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को मोदी की मौजूदगी का अहसास कराते हैं। वे बाकायदा सड़कों पर प्रचार करते हैं, मोदी और बीजेपी के लिए वोट मांगते हैं। दिखते तो मोदी की तरह हैं ही, बोलने, चलने और पहनने का मोदी-अंदाज भी इन्होंने बखूबी अपनाया है। इसी के बल पर वोटर भी कुछ देर के लिए ही सही, लेकिन चौंक जरूर जाता है कि उनके बीच सहज रूप में नरेंद्र मोदी मौजूद हैं।
 
सामान्य पृष्ठभूमि से आए मोदी के इन हमशक्लों की अहमियत इन दिनों असल मोदी से कम भी नहीं। आइए, आपको मिलाएं ऐसे ही कुछ हमशक्लों से, जो मोदी नहीं है, लेकिन उनकी ही तरह हैं।