Wednesday, September 4, 2013

हर महीने सिलेंडर पर 50 रुपए बढ़ाने की तैयारी, लेकिन नेता निकाल रहे खजाने का 'तेल'

नई दिल्ली. रुपए की घटती कीमत से खाली होते सरकारी खजाने ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। तेल की खपत कम करने के उपायों पर चर्चा के लिए सरकार माथापच्ची करने को तैयार है। इस संबंध में बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है। इस बैठक में उस अभियान पर विचार किया जाएगा जिसके तहत पेट्रोलियम मंत्रालय 16 सितंबर से पेट्रोल की खपत कम करने के लिए लोगों को जागरुक करने पर विचार कर रहा है। बैठक में अभियान की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि यदि तीन प्रतिशत खपत भी कम हो गई तो सालाना 16 हजार करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है। 
 
 
लेकिन सरकार सिर्फ जनता को जागरुक नहीं करना चाहती है। बल्कि अब वह सिलेंडर पर लगातार बढ़ोतरी के फॉर्मूले पर विचार कर रही है। तेल आयात बिल पर कटौती के नए रास्ते तलाश रहे पेट्रोलियम मंत्रालय ने घरेलू रियायती सिलेंडर पर हर माह 50 रुपए के इजाफे का प्रस्ताव तैयार किया है। यह बढ़ोतरी दिसंबर तक ही करने का प्रस्ताव है। इसकी वजह यह है कि जनवरी से सरकार को चुनाव के लिए तैयारी में जुटना है। उसके बाद सरकार उन लोक-लुभावन कदमों का प्रचार शुरू कर सकती है जो उसके लिहाज से मतदाताओं को लुभाने में कामयाब हो सकते हैं। 

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