Thursday, September 5, 2013

जजों की नियुक्ति में भी चलेगी सरकारी मर्जी

नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरूवार को सरकार और विपक्ष ने एकजुट होकर न्यायिक सुधार (120वां संविधान संशोधन) विधेयक 2013 पर बहस के दौरान न्यायपालिका को भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, रिटायरमेंट के बाद पद और सुविधाओं की लालसा समेत अनेक मुद्दों पर घेर कर जमकर भड़ास निकाली। 


सुप्रीम कोर्ट और देश के 24 हाईकोर्टो में जजों की नियुक्ति की 20 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली को बदलकर उसके स्थान पर न्यायिक नियुक्ति आयोग गठित करने के लिए लाए गए न्यायिक सुधार (120वां संविधान संशोधन) विधेयक 2013 को राज्यसभा ने पास कर दिया। संशोधन विधेयक के पक्ष में 131 मत पड़े। बिल को स्थाई समिति के हवाले किए जाने की मांग नहीं माने जाने पर भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया। उल्लेखनीय है कि 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने उच्च अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली को शुरू किया था।

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