नई दिल्ली. मशहूर राजनीति शास्त्री और नए नवेले राजनेता डॉ. योगेंद्र यादव यूजीसी के सदस्य हैं। लेकिन उनकी यह सदस्यता विवादों के घेरे में आ गई है। योगेंद्र यादव को आम आदमी पार्टी की गतिविधियों में भाग लेने और जुड़ने पर सवालिया निशान लगाते हुए मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) से उनकी सदस्य के तौर पर नियुक्ति रद्द करने की बात कही है। स्पष्टीकरण देने के लिए यादव को सात दिन का समय दिया गया था, जो 11 सितंबर को पूरा हुआ। इस नोटिस के जवाब में डॉ. यादव ने अपना पक्ष रखा है।
लेकिन भारत में किसी शैक्षणिक संस्था, यूनिवर्सिटी, स्कूल-कॉलेज से जुड़े किसी व्यक्ति का राजनीति में भाग लेना नई बात नहीं है। अध्यापन जगत से राजनीति में आकर कामयाब होने वाले नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। चूंकि, अध्यापन को लाभ का पद नहीं माना जाता है। इसलिए टीचर राजनीतिक रूप से सक्रिय भी हो सकता है। वह चुनाव भी लड़ सकता है।
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