शारजाह. टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच में 21 गेंदों में केवल दस रन बनाने वाले युवराज ने करीब दस दिन बाद ही, 17 अप्रैल को आईपीएल मुकाबले में 29 गेंदों में 52 रन ठोंक दिए और छक्कों की बरसात कर दी। उनके इस परफॉर्मेंस के बाद उनके प्रशंसक गदगद हैं और छह अप्रैल को वर्ल्ड कप में खराब परफॉर्मेंस के बाद युवराज के घर (चंडीगढ़) पत्थर फेंकने वालों पर निशाने साध रहे हैं।
गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग के दूसरे मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने दिल्ली डेयरडेविल्स को 8 विकेट से हराया। दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट के नुकसान पर 145 रन बनाए थे। जवाब में बेंगलुरु ने कप्तान विराटकोहली की नाबाद 49 रन की पारी और युवराज सिंह के तूफानी पचासे (52*) के दम पर टारगेट 16.4 ओवरों में हासिल कर लिया।
युवराज ने भले ही हाफ सेंचुरी जड़कर फॉर्म में लौटने के संकेत दिए, लेकिन मैन ऑफ द मैच का खिताब 18 रन देकर मुरली विजय का कीमती विकेट लेने वाले युवा गेंदबाज यजुवेंद्र चहल को दिया गया।
युवराज के इंटरनेशनल और आईपीएल प्रदर्शन में अंतर के पीछे तीन कारण हो सकते हैं।
पहला - टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में युवराज पर प्रदर्शन का दबाव था। खुद को गलती करने से बचाने के लिए वे एक-एक कदम फूंक-फूंककर रख रहे थे। वे किसी भी हाल में अपना विकेट नहीं गंवाना चाहते थे। चूंकि आईपीएल में कम रन बनाकर आउट होने से फर्क नहीं पड़ता और यह टीम का टूर्नामेंट में महज पहला मुकाबला था, इसलिए वे आराम से अपनी स्टाइल में खेल रहे थे।
दूसरा - युवी के अच्छे प्रदर्शन के पीछे दूसरा कारण हो सकता है फ्रेंचाइजी के मालिक विजय माल्या से डांट का डर। युवराज पुणे वारियर्स की कप्तानी संभाल चुके हैं। इसलिए वे जानते हैं कि टीम के मालिकों का खिलाड़ियों पर कितना दबाव रहता है। विजय माल्या युवराज को 10 करोड़ रुपए में खरीदना चाहते थे, लेकिन ऑक्शन अनाउंसर की गलती के कारण उन्हें 14 करोड़ रुपए कीमत चुकानी पड़ी। टी-20 वर्ल्ड कप में युवराज के फ्लॉप होने के बाद माल्या का सोशल मीडिया में काफी मजाक उड़ा था। युवराज ने माल्या के गुस्से और उनके द्वारा लगाई 14 करोड़ रुपए की कीमत को ध्यान में रखते हुए बेहतर प्रदर्शन किया।
तीसरा - युवी के बेहतर प्रदर्शन के पीछे पिच तीसरा कारण हो सकती है। यूएई की पिच बांग्लादेश से अलग हैं। यहां स्ट्रोक-प्ले बांग्लादेश की तुलना में आसान रहता है। आसान पिच और कम पार्टटाइम गेंदबाजों ने युवराज को हाथ खोलने का मौका दे दिया। डुमिनी और पार्नेल वर्ल्ड क्लास गेंदबाज जरूर हैं, लेकिन वे डेल स्टेन और मिचेल जॉनसन के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते। युवराज की असली परीक्षा इन गेंदबाजों के खिलाफ होगी।
No comments:
Post a Comment