इंदौर. दुष्कर्म के मामले में फंसे आसाराम बापू को जोधपुर पुलिस ने भले ही थोड़ी राहत दे दी है। लेकिन सियासतदानों का गुस्सा चरम पर है। आसाराम बापू का मसला सोमवार को लोकसभा में उठा और सदस्यों ने बापू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रश्नकाल के दौरान जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने आसाराम बापू का नाम लिए बिना कहा कि देश के गृह मंत्री इस मामले में क्यों नहीं बोल रहे हैं। शरद यादव ने कहा कि एक साधु देश में तमाशा कर रहा है। ऐसे साधुओं को सजा देने से कड़ा संदेश जाएगा। वहीं, सीपीआई के गुरुदास दासगुप्ता सहित कई सांसदों ने आसाराम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। दासगुप्ता ने कहा, 'आसाराम को फांसी दे देनी चाहिए।'
इससे पहले, जोधपुर पुलिस ने बापू के खिलाफ लगाए गए रेप के आरोप (आईपीसी की धारा 376) हटा लिए हैं हालांकि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा (धारा 354) चलता रहेगा। बापू को 30 अगस्त तक पूछताछ के लिए जोधपुर पुलिस के सामने हाजिर होना है। जोधपुर पुलिस के एक एसआई ने अहमदाबाद स्थित आसाराम के आश्रम जाकर उन्हें समन दिया है। आसाराम के साथ उनके चार अन्य सहयोगियों को भी जोधपुर पुलिस के सामने पेश होना है। इस मामले की जांच के लिए छिंदवाड़ा गई पुलिस टीम को बापू के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए काफी सबूत मिले हैं।
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